लातेहार: भारतीय खाद्य निगम ने जिला में उपलब्ध कराया एमडीएम के चावल का नमूना

लातेहार: केन्द्र प्रायोजित मध्यान भोजन योजना अंतर्गत विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को दिये जाने वाले भोजन के   चावल का नमूना भारतीय खाद्य निगम के द्वारा  भेजा गया है। चावल के नमूने के अनुरूप  ही भारतीय खाद्य निगम के डिपो से चावल का उठाव किया जाएगा l मध्याह्न भोजन के अनाज की गुणवत्ता की शिकायत होने पर नमूने से मिलान कर जाँच किया जाएगा। 



क्या है मामला


झारखंड सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षारता विभाग के निदेशक द्वारा केन्द्र प्रायोजित मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत वितीय वर्ष 2020-21 के प्रथम त्रैमासिक का आवंटन भेजा गया एवं उपायुक्त एवं जिला शिक्षा अधीक्षक को भारतीय खाद्य निगम के डिपो से अनाज उठाव के पूर्व कमेटी गठित  करने एवं नमूना लेने को लेकर निर्देशित किया गया।


जिस पर उपायुक्त श्री जिशान कमर ने  जिला शिक्षा पदाधिकारी को चावल की गुणवता एवं नमूना जांच के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था । निर्देश के आलोक में डीएसई छठु विजय सिंह ने कमेटी गठित कर चावल के नमूने लाने के लिए मेदिनीनगर स्थित भारतीय खाद्य निगम के कार्यालय भेजा जहां भारतीय खाद्य निगम के पदाधिकारी एवं गठित कमेटी के सदस्यों के मौजूदगी में चावल का नमूना लिया गया एवं उसे सील कर भेजा गया। जिसे गठित कमेटी के द्वारा डीएसई को सौंपा गया। 


तीन माह तक सुरक्षित रहेगा नमूना,661 एमटी मिला है जिला को चावल का आवंटन 


मध्याह्न  भोजन के लिए आवंटित चावल के नमूने को डीएसई कार्यालय में तीन माह तक सील  कर सुरक्षित रखा जाएगा। ताकि मध्याह्न भोजन के  चावल की गुणवत्ता  की शिकायत मिलने पर सत्यता की जांच की जा सके। मध्याह्न  भोजन को लेकर त्रैमास के लिए सरकार  की ओर से 661 एमटी चावल आवंटित किया गया है। यह आवंटन 661 विद्यालयों के लिए है ।   


 गठित टीम के सदस्यो ने डीएसई को सौंपे नमूने


मध्यान भोजन योजना के लिए आवंटित चावल के नमूने के लिए गठित टीम में शामिल सुरेन्द्र प्रसाद भगत लेखापाल सह कम्प्युटर आॅपरेटर एवं अली अख्तर,कम्प्युटर आॅपरेटर ने डीएसई को चावल के नमूने सौंपे। जिसके बाद डीएसई के द्वारा उपायुक्त जिशान कमर को इससे अवगत कराया गया। 


जिले में पहली बार आया है नमूना


जिला शिक्षा अधीक्षक छठु विजय सिंह ने बताया है कि जिले में पहली बार मध्याह्न  भोजन योजना के लिए आवंटित चावल का नमूना मंगवाया गया है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी विद्यालय में मध्याह्न  भोजन में बनने वाले चावल की शिकायत मिलती है तो रखे गए नमूने से चावल की मिलान कर जाँच की जाएगी  । उन्होंने बताया कि तीन माह तक चावल सुरक्षित रखा जाएगा।