लातेहार: आत्मनिर्भरता की बात तो दूर, कभी जिन महिलाओं को दहलीज से पांव बाहर रखने में सोचना पड़ता था। लेकिन विपरित परिस्थितियों को बदल कर अपने जीवन को नई दिशा देने वाली लातेहार जिला की महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने लगी है,वह खुद तो स्वालंबन की राह पर चल ही रही है अपने परिवार एवं समाज को भी एक नई दिशा देने में बखूबी भूमिका निभा रहे है। और यह सब हो सका ग्रामीण विकास विभाग से संचालित झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के जोहार परियोजना से।
क्या है मामला
ग्रामीण विकास अभिकरण के द्वारा झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के द्वारा जिला के मनिका,चंदवा,बरवाडीह एवं गारू में जोहार प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है जिसके तहत महिलाओं के उत्पादक समूह का निर्माण एवं क्षमता संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। जिसका प्रतिफल लाॅक डाउन में भी देखने को मिला। जिले के मनिका एवं बरवाडीह के महिला उत्पादक समूह के द्वारा बकरी की ब्रिकी कर आर्थिक स्वावलंबन की राह पर बढ़ रही है।
मनिका के उत्पादक समुह ने 3 लाख 62 एवं बरवाडीह महिला उत्पादक समुह ने 3 लाख 47 हजार की बकरी की बिक्री कर जीवन की खुशियों में नए अध्याय की शुरूआत की है। जोहार परियोजना से जिले के कुरूंद,नईहरा,हेसातू,सरदमदाग,पल्हैया एवं सिरिश में संचालित किया जा रहा है। जहां महिला उत्पादक समुह बकरी पालन कर स्वावलंबन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है।
जिले के चार प्रखंडों में संचालित हो रहा है जोहार परियोजना
झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा संचालित झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से जिले के मनिका,बरवाडीह,गारू एवं महुआडांड़ में जोहार परियोजना चलाया जा रहा है। जिसका उदेश्य महिला उत्पादक समुह का निर्माण एवं क्षमता वृद्धि करना है,महिलाऐं इस परियोजना से जुड़ कर पशुपालन एवं लघु वनोपज उत्पादन का कार्य कर रहे है। चारों प्रखंडों में संचालित कुल 45 सौ किसान इस परियोजना से जुड़े हुए है।
ग्रामीणों को स्वावलंबन बना रहा है परियोजना
जेएसएलपीएस के डीपीएम सचिन साहू ने कहा कि जोहार परियोजना ग्रामीणों एवं महिलाओं को स्वावलबन के राह पर ले जाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि लाॅक डाउन में भी महिलाएं बकरी उत्पादन कर लाखों कमा रहे है। उन्होंने बताया कि जोहार परियोजना जिले के चार प्रखंडों में संचालित हो रहा है एवं लगभग 45 सौ ग्रामीण महिलाएं इससे जुड़ी हुई है।